लहसुनिया रत्न जिसको केतु ग्रह का रत्न माना जाता है। रत्न ज्योतिष के अनुसार इस रत्न के प्रभाव से इंसान की किस्मत चमकती है। वहीं अगर कोई व्यक्ति व्यापार में सफलता नहीं पा रहा, या तरक्की रुकी हुई है तो यह रत्न धारण करना बेहद लाभकारी हो सकता है किन राशि वालों को इसे धारण करना चाहिए और पहनने की सही विधि क्या है.
लहसुनिया रत्न जिसको केतु ग्रह का रत्न माना जाता है। रत्न ज्योतिष के अनुसार इस रत्न के प्रभाव से इंसान की किस्मत चमकती है। वहीं अगर कोई व्यक्ति व्यापार में सफलता नहीं पा रहा, या तरक्की रुकी हुई है तो यह रत्न धारण करना बेहद लाभकारी हो सकता है किन राशि वालों को इसे धारण करना चाहिए और पहनने की सही विधि क्या है.
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ज्योतिष विज्ञान में गोमेद को एक खूबसूरत रत्न माना गया है, जो जीवन को सुंदर बना देता है। गोमेद सबसे लाभदायक रत्नों में से एक माना गया है। गोमेद राहु ग्रह से संबंधित रत्न माना गया है। ज्योतिष शास्त्र में राहु को पाप ग्रह माना जाता है अत: ज्योतिषाचार्यों द्वारा राहु के दुष्प्रभावों को समाप्त करने के लिए गोमेद रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है।
पुखराज बृहस्पति ग्रह का रत्न होता है इसलिए यह रत्न धारण करने से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है। बृहस्पति की प्रतिकूल स्थिति के कारण जिनके विवाह में रुकावटे आ रही हैंं, उनके लिए पुखराज धारण करना फायदेमंद रहता है। इस रत्न को धारण करने से कमजोर पाचन में भी फायदा मिलता है। इसके अलावा आध्यात्मिक वा धार्मिक विषयों में रुचि रखने वालों के लिए भी पुखराज फायदेमंद रहता है।
मूंगा मंगल ग्रह का रत्न है. इसे शक्ति, बल, साहस और ऊर्जा के लिए पहना जाता है. रक्त से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या के लिए मूंगा पहनना फायदे मंद रहता है. उदासी और मानसिक अवसाद को कंट्रोल करने के लिए मूंगा रत्न जरूर धारण करना चाहिए. अगर अज्ञात भय का अनुभव हो रहा है तो मूंगा रत्न इसके लिए रामबाण साबित होता है
वैदिक शास्त्र में मोती को बहुत ही शुभ और प्रभावशाली रत्न माना गया है। मोती चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करता है। ज्योतिष के अनुसार जिन जातकों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है उनको मोती जरूर धारण करना चाहिए। ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक ग्रह माना गया है।
लहसुनिया रत्न जिसको केतु ग्रह का रत्न माना जाता है। रत्न ज्योतिष के अनुसार इस रत्न के प्रभाव से इंसान की किस्मत चमकती है। वहीं अगर कोई व्यक्ति व्यापार में सफलता नहीं पा रहा, या तरक्की रुकी हुई है तो यह रत्न धारण करना बेहद लाभकारी हो सकता है किन राशि वालों को इसे धारण करना चाहिए और पहनने की सही विधि क्या है.
नीलम धारण करने से व्यक्ति की कार्यशैली में निखार आता है। साथ ही उसके सोचने की क्षमता का विकास होता है। वहीं शनि की दृष्टि एवं साढ़ेसाती से नीलम हमें बचाता है, साथ ही जिन पर शनि की साढ़ेसाती अथवा शनि की ढैय्या का प्रभाव हो उन्हें नीलम धारण करने से लाभ मिलता है। रत्न शास्त्र अनुसार नीलम व्यक्ति को तुंरत असर दिखाता है
ज्योतिषीय गुणों की बात करें तो पन्ना बुध का रत्न माना जाता है. बुध ग्रह की पीड़ा को शांत करने के लिए इस रत्न को धारण करने की सलाह दी जाती है. अगल कुंडली में बुध ग्रह कमजोर हो तो यह रत्न उसे मजबूती प्रदान करता है. साथ ही बुध की महादशा और अंतर्दशा से छुटकारा पाने के लिए भी इस रत्न को धारण किया जाता है. इसके अलावा अगर कुंडली में मंगल, शनि और राहु-केतु के साथ हो या शत्रु ग्रहों की दृष्टि हो तो पन्ना जरूर धारण करना चाहिए.
हीरा अपनी चमक और सुंदरता के लिए विश्व का सबसे विख्यात रत्न/Gemstone है। इसकी चमक दूर तक अपनी किरणें बिखेरने वाली होती है। हीरा एक अनमोल रत्न है एवं ज्योतिष शास्त्र में इसका विशेष रूप से उल्लेख मिलता है। हीरा एक अत्यंत कठोर रत्न माना गया है इसकी कठोरता और सुंदरता दोनों का ही कोई जवाब नहीं है। हीरा रत्न सौभाग्य में वृद्धि करता है, वैभव एवं ऐश्वर्य प्रदान करने में यह अत्यंत सहायक होता है। इस रत्न को शुक्र ग्रह का रत्न कहा गया है जिसके कारण हीरा सभी प्रकार की विलासिता को प्रदान करने वाला होता है।
रत्न शास्त्र में रत्नों का महत्व बताया गया है. प्रत्येक रत्न किसी विशेष ग्रह से संबंध रखते हैं. माणिक्य रत्न को सूर्य से संबंधित माना गया है. माणिक्य को अंग्रेजी में रूबी भी कहते हैं. माणिक्य लाल रंग का काफी चमकीला और सबसे खूबसूरत रत्न होता है. ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, माणिक्य रत्न को धारण करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. इससे जीवन में अपार सफलता मिलती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है.